भारत में आंगनवाड़ी वर्कर्स (Anganwadi works) समाज के निकले तबके सरकारी योजनाओं को पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं | यह महिलाएं न केवल बच्चों का पोषण और स्वास्थ्य, शिक्षा पर ध्यान देती है बल्कि गर्भवती महिलाओं और माता का भी सहयोग देती है | सरकार लंबे समय से इनके काम की सराहना करती रही है और इसी कड़ी में हाल ही में आंगनवाड़ी वर्कर्स सैलरी में बढ़ोतरी का ऐलान किया है | जो महिलाएं अपने काम के साथ अपने घर का ख्याल रखती है | सरकार में उनके लिए भारतीय योजना ऐलान किया है |
यह खबर लाखों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए किसी तोहफ़े से कम नहीं है। आइए विस्तार से जानते हैं कि नई सैलरी कितनी होगी, किसे इसका लाभ मिलेगा और इसका असर समाज पर कैसा पड़ेगा।
आंगनबाड़ी योजना क्या है?
आंगनबाड़ी योजना की शुरुआत 1975 में “समेकित बाल विकास सेवा कार्यक्रम (ICDS scheme)” के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था –6 साल तक के बच्चों को पोषण और शिक्षा उपलब्ध कराना।गर्भवती और धात्री माताओं को पोषण संबंधी सहायता देना।ग्रामीण और शहरी गरीब इलाकों में स्वास्थ्य व पोषण सेवाएं पहुंचाना ।बच्चों को कुपोषण से बचाना। गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त कराना |गर्भवती महिलाओं को चिकित्सालय तक पहुंचाना | ताकि उनका अच्छा इलाज हो सके | देशभर में लाखों आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं जहां महिलाएं बतौर वर्कर और सहायिका कार्य करती हैं।
जो महिलाएं घर बैठे पैसे कमाने जाते हैं तो उनके लिए यह योजना बनाई थी तो इसे जल्द ही पढ़ें – https://nsarkari.site/mukhyamantri-work-from-home-yojana-2025आंगनबाड़ी वर्कर्स की भूमिका
आंगनबाड़ी वर्कर्स का काम केवल बच्चों को संभालना नहीं होता बल्कि वे समाज में कई अहम जिम्मेदारियां निभाती हैं, जैसे –बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराना।गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर स्वास्थ्य सेवाएं दिलाना।बच्चों और महिलाओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना।टीकाकरण अभियान में सहयोग देना।प्राथमिक शिक्षा और खेलकूद गतिविधियां कराना।सरकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाना ।यानी ये महिलाएं सरकार और समाज के बीच सेतु का काम करती हैं।
सैलरी में बढ़ोतरी क्यों ज़रूरी थी?
काफी समय से आंगनबाड़ी वर्कर्स और सहायिकाएं अपने कम वेतन को लेकर विरोध कर रही थीं। उनका कहना था कि –काम ज्यादा है लेकिन वेतन बहुत कम मिलता है।महंगाई लगातार बढ़ रही है, लेकिन सैलरी वर्षों से लगभग स्थिर रही। बच्चों के खर्च बढ़ रहे हैं | कई बार मानदेय समय पर नहीं मिलता।इन्हीं कारणों से सरकार पर दबाव बना कि उनके मानदेय (Honorarium) में बढ़ोतरी की जाए।
आंगनबाड़ी वर्कर्स की नई सैलरी 2025
सरकार द्वारा घोषित नए वेतनमान के अनुसार अब आंगनबाड़ी वर्कर्स और सहायिकाओं की आय में काफी बढ़ोतरी की गई है।
ने वेतनमान की जानकारी (अनुमानित आंकड़े) :
1. पद : आंगनवाड़ी वर्कर्स
पुराना मानदेय (₹) : ₹7,000- 8,000
नया मानदेय (₹) : ₹12,000- 15,000
बढ़ोत्तरी (₹) : ₹4,000- 7,000
2.पद : मिनी आंगनवाड़ी वर्कर्स
पुराना मानदेय (₹): ₹5,000- 6,000
नया मानदेय (₹): ₹9,500-10,000
बढ़ोत्तरी (₹) :₹3,500- 4,000
3.पद : आंगनवाड़ी सहायिका
पुराना मानदेय (₹): ₹3,500-4,500
नया मानदेय (₹):₹6,500-7,500
बढ़ोत्तरी (₹) :₹3,000-3,500
नोट: अलग-अलग राज्यों में यह सैलरी थोड़ी अलग हो सकती है क्योंकि राज्य सरकारें अतिरिक्त राशि भी जोड़ सकती हैं।
सैलरी बढ़ने से क्या होगा फायदा?
1. जीवन स्तर में सुधार –
अब वर्कर्स अपनी परिवारिक जरूरतों को आसानी से पूरा कर पाएंगी।
2. काम के प्रति उत्साह –
उचित वेतन मिलने से उनका मनोबल बढ़ेगा और वे बेहतर सेवा देंगी।
3. महिला सशक्तिकरण –
– यह बढ़ोतरी महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी।
4. समाज पर असर –
जब आंगनबाड़ी वर्कर्स बेहतर तरीके से काम करेंगी तो बच्चों और माताओं को सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार की अतिरिक्त सुविधाएँ
सैलरी हाइक के अलावा सरकार आंगनबाड़ी वर्कर्स को कुछ और सुविधाएँ भी देती है –
• पेंशन योजना: सेवा निवृत्ति के बाद न्यूनतम पेंशन।
• बीमा कवर: आकस्मिक मृत्यु और दुर्घटना में सहायता राशि।
• यूनिफॉर्म और ट्रेनिंग: काम को आसान और प्रभावी बनाने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण।
• प्रमोशन का अवसर: अनुभवी वर्कर्स को सुपरवाइजर तक पदोन्नति।
चुनौतियाँ अब भी बाकी
हालांकि सैलरी बढ़ोतरी एक ऐतिहासिक फैसला है लेकिन कुछ चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं –कई राज्यों में वेतन समय पर जारी नहीं होता।आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने की जरूरत है।कई वर्कर्स को अभी भी स्थायी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिला है।संसाधनों की कमी के कारण कार्य प्रभावित होता है।
भविष्य की संभावनाएँ
सरकार अब “पोषण अभियान” और “महिला एवं बाल विकास योजनाओं” पर ज़्यादा ध्यान दे रही है। ऐसे में आंगनबाड़ी वर्कर्स की जिम्मेदारियां और भी बढ़ेंगी। भविष्य में यह उम्मीद है कि –इन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा।डिजिटल उपकरण जैसे टैबलेट/मोबाइल से काम आसान होगा।अधिक भत्ते और सुविधाएं मिलेंगी।
निष्कर्ष
आंगनबाड़ी वर्कर्स हमारी समाज की रीढ़ की हड्डी हैं जो बच्चों और महिलाओं की देखभाल में अहम भूमिका निभाती हैं। सरकार द्वारा उनकी सैलरी में भारी बढ़ोतरी का निर्णय उनके जीवन स्तर को सुधारने के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को भी मजबूत करेगा।यह कदम न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम है बल्कि आने वाली पीढ़ी के स्वस्थ भविष्य की गारंटी भी है।
और जानकारी यहां पढ़ें – https://nsarkari.site/sarkari-karmchari-chhutti-2025महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD)-https://wcd.nic.in1. आंगनबाड़ी वर्कर्स की नई सैलरी कितनी है?
सरकार ने आंगनबाड़ी वर्कर्स की सैलरी बढ़ाकर लगभग ₹12,000 से ₹15,000 प्रतिमाह कर दी है। मिनी वर्कर्स और सहायिकाओं की आय भी बढ़ाई गई है।
2. आंगनबाड़ी सहायिका को कितनी सैलरी मिलेगी?
आंगनबाड़ी सहायिकाओं को पहले जहां ₹3,500–₹4,500 मिलते थे, अब उनकी सैलरी बढ़ाकर लगभग ₹6,500–₹7,500 कर दी गई है।
3. क्या यह सैलरी पूरे भारत में समान होगी?
नहीं, केंद्र सरकार द्वारा तय राशि समान रहती है लेकिन कई राज्य सरकारें इसमें अतिरिक्त राशि जोड़ देती हैं। इसलिए अलग-अलग राज्यों में मानदेय में अंतर हो सकता है।
क्या आंगनबाड़ी वर्कर्स को पेंशन सुविधा मिलती है?
हां, आंगनबाड़ी वर्कर्स और सहायिकाओं को सेवा निवृत्ति के बाद न्यूनतम पेंशन की सुविधा मिलती है। साथ ही उन्हें बीमा और अन्य लाभ भी मिलते हैं।
क्या आंगनबाड़ी वर्कर्स को स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा?
फिलहाल उन्हें मानदेय (Honorarium) दिया जाता है, लेकिन भविष्य में सरकार द्वारा स्थायी कर्मचारी का दर्जा देने की संभावना पर विचार किया जा सकता है।